
जग सिर मौर बनायें भारत
विकाश शर्मा
ध्येय के आलोक से ही है प्रकाशित पथ अपना
राष्ट्र को सर्वस्व अर्पित जा रहा अवशेष अपना
दीप जीवन का जलाकर मातृ भू की अर्चना है
राष्ट्र को सर्वस्व अर्पित जा रहा अवशेष अपना
दीप जीवन का जलाकर मातृ भू की अर्चना है
चिर विजय की कामना है कर्म ही आराधना है